तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना… -Tum Laut Ke Aane Ka Takalluf Mat Karna
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते, आसमान पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते, हर हालात... read more
मेरे लफ्जों से न कर मेरे किरदार का फ़ैसला, तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीकत ढूंढ़ते ढूंढ़ते। Mere Lafzon Se Na... read more
हम बसा लेंगें एक दुनिया किसी और के साथ, तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। Hum Basaa... read more
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल। Jaha Kadar Na... read more
पूछ रही है आज मेरी हर शायरी मुझसे कहाँ गए वो दीवाने जो वाह वाह किया करते थे poochh rahi hai... read more
कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते, आसमां पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते, हर हालात... read more
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari सौदा नी ब्योपार नी। यु नकद नी उधार नी। माया बस माया होंदी माया कैकि भी चार... read more
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार... read more
भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है, मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं... read more
सब तेरी मोहब्बत की इनायत है, वरना मैं क्या मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या Sab teri mohabbat kee inaayat... read more