अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ… -Aksar Wohi Log Uthhate Hain Hum Par Ungliyan
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
Aksar Wohi Log Uthhate Hain Hum Par Ungliyan,
Jinki Humein Chhune Ki Aukaat Nahi Hoti.