कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर.. -Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par
कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर….
यहां तो अपनी जिंदगी ही मजे लेती हैं..!!
Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par….
Yahaan To Apani Jindagi Hi Maje Leti Hain..!!.
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले, हम परों... read more
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले, हम परों... read more
ना मिल्न की खुसी होली ना बिछुडन कु गम कन के बतान की कन छीन हम बस इतगा समझा की ब्याली... read more
महबूब का घर हो या फरिश्तों की हो ज़मी, जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा। Mahboob Ka Ghar... read more
आग लगाना मेरी फितरत में नही है, मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर। Aag lagaana meri phitarat mein... read more
ना तू ‘हां’ करछै ना तू ‘ना’ करछै अधपगल है गोयू मैं आघिन पत्त ने के करछै।। Na tu han karachhai na tu na... read more
ठहर सके जो लबों पे हमारे, हँसी के सिवा है मजाल किसकी. Thhehar Sake Jo Labon Pe Humare, Hansi Ke Siwa Hai... read more
मैं काव-पट्ट भट्ट ज्यस तू चांवो ज्यस सुकिल के भलौ राजौड़ बनौल जो हम द्ववी जौंल मिल…. Main kaav-patt bhatt jyas tu chavon jyas... read more
‘स्माइल’ त्यर देखि बै सब दुख-बिमारी भागी जैं मरणीं लै चंख है जां एक ‘आशा’ ज्यस... read more
मत इतरा मेरी मोहब्बत पाकर पगली… तुझे क्या पता तेरा नम्बर कितनों के बाद आया है। Mat itara meri mohabbat paakar... read more