कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर.. -Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par
कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर….
यहां तो अपनी जिंदगी ही मजे लेती हैं..!!
Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par….
Yahaan To Apani Jindagi Hi Maje Leti Hain..!!.
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी जब-2 लगली बाडुली त समझी मिन याद करी. अपणा मन ही मन त्वे दगड़ी छक्की... read more
ना मिल्न की खुसी होली ना बिछुडन कु गम कन के बतान की कन छीन हम बस इतगा समझा की ब्याली... read more
महबूब का घर हो या फरिश्तों की हो ज़मी, जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा। Mahboob Ka Ghar... read more
हमारी शख्सियत का अंदाज़ा, तुम ये जान के लगा लो, हम कभी उनके नही होते, जो हर किसी के हो जाए। Hamaari shakhsiyat... read more
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल। Jaha Kadar Na... read more
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार... read more
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना, हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते। Tum laut ke aane ka takalluf... read more
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले, हम परों... read more
ब्रेकअप नि हौन हमर पहाड़ो में, अबुलौ लिनी, मुंणि रिसै जानी । ज्यादे के नै एक निमु लिजाओ, सब भुलि बै दुबारा... read more
आदते बुरी नहीं, शौक ऊँचे हैं, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही कि,हम देखे और पूरा ना हो। Aadatein Buri Nahi... read more