जहाँ कदर न हो अपनी… -Jaha Kadar Na Ho Apni
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
Jaha Kadar Na Ho Apni Waha Jana Fizul Hai,
Chahe Kisi Ka Ghar Ho Chaahe Kisi Ka Dil..
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार... read more
एट्टीट्यूड तो हम मरने के बाद भी दिखाएंगे, दुनिया पैदल चलेगी और हम कंधो पर Attitude too ham marne ke baad... read more
शोर करते रहो तुम सुर्ख़ियों में आने का, हमारी तो खामोशियाँ भी एक अखबार हैं। Shor Karte Raho Tum Surkhiyon Me... read more
पहाड़क हाव, पहाड़क पांणि जैल नि चाख उइल के जांणि पहाड़ हरी-भरी गाड़ हरदम भरी पिरूवक भरी भ्यो अरड़ा पांणि नहौ ऊंच्चा डाव सौक सुकिलौ हिमाला... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी अपणु दुःख तू अपणा पास रख। सुख जरूर आलु, विस्वास रख। दुःखी ह्वोणों जख यौ कारण... read more
डीपी त्येरी झम्म लागूंछौ, मि मारनूं कमेंटा। द्वी बात मिहीं ल करले, पि ले म्यर दगाड़, फैंटा… DP tyaaree jhamm laagunchau, Mi maranu commenta dvi... read more
मत इतरा मेरी मोहब्बत पाकर पगली… तुझे क्या पता तेरा नम्बर कितनों के बाद आया है। Mat itara meri mohabbat paakar... read more
हैसंण उईक कमाल होय, हिटौंण एकदम गजब बुलांण में मिसिर घुली चाहिये रै जानी सब…. Haisan uik kamaal hoy, hiton ekdam gajab bulan mein misir... read more
त्यर मुखड़ देखनु तो सिवैंन ज पडैं, आँखों बै दूर हुंछे तो चुड़फुड़ाट हैजां, अब या तो तू म्यर अघिलै ब... read more
रहते है आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते, कुछ लोग जलते है मुझसे, बस खाक नहीं होते ! Rehte Hain... read more