तुमसे बहुत प्यार करता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ,
हाँ, बहुत प्यार करता हूँ।
ये बात अलग है कि कह नहीं पाता हूँ।
तुम्हारी बेरूखी मेरा दिल दुखाती है
आँखों में सैलाब उमड़ने लगता है,
गला रूँध जाता है,
ये बात अलग है कि रो नहीं पाता हूँ।
ख्वाबों में तुमसे मिलने की तमन्ना लेकर
बिछाता हूँ रात भर बिस्तर,
फिर आँखें मूँदकर जोगी की तरह ध्यान लगाता हूँ
पर यह बात अलग है कि सो नहीं पाता हूँ।
हर बार सोचता हूँ कि तुमको न देखूँ
पर न जाने ऐसा क्या है तुम्हारे चेहरे में
कि बिना देखे तुमको रह नहीं पाता हूँ।
एक नज़र देख लि मुझको
तो बिना साँसों के जी सकता हूँ
तुमसे इतना प्यार करता हूँ,
ये बात अलग है कि कुछ कह नहीं पाता हूँ।
——कवि- मनीष वंदेमातरम्