ये हुस्न-ए-राज़ मुहब्बत छुपा रहा है कोई – Ye husn-e-raaz muhabbat chhupa raha hai koee
ये हुस्न-ए-राज़ मुहब्बत छुपा रहा है कोई
है अश्क आँखों में और मुस्कुरा रहा है कोई
Ye husn-e-raaz muhabbat chhupa raha hai koee
hai ashk aankhon mein aur muskura raha hai koee