लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ… -Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf,
Sar Jhukana Nahi Aata Toh Jhukayein Kaise.
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf,
Sar Jhukana Nahi Aata Toh Jhukayein Kaise.
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, खबर ये आसमाँ के अखबार की है, मैं चलूँ… तो मेरे संग कारवाँ... read more
कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते, आसमां पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते, हर हालात... read more
दुशमनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी। मैं हाथ नहीं उठाता, नज़रों से गिरा देता हूँ। Dushmanon ko saja... read more
कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते, आसमान पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते, हर हालात... read more
हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ, हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा। Hum Na Badlenge Waqt Ki Raftar... read more
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये वो... read more
रहते है आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते, कुछ लोग जलते है मुझसे, बस खाक नहीं होते ! Rehte Hain... read more
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी। Dikhaave Ki... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी एक नौनी पाणी का पन्देरा मा दिख ग्याई तेंकी तस्वीर मेरा दिल मा छपी ग्याई जब... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी अपणु दुःख तू अपणा पास रख। सुख जरूर आलु, विस्वास रख। दुःखी ह्वोणों जख यौ कारण... read more