सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो- Sirph Shayari Padhne Ka Rishta Na Rakho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
तुझ पे कुर्बान मेरी यारी है, हस के मर जाऊं इस की तैयारी है, सिलसिला न खतम हो अपने प्यार का, क्यूंकी... read more
इन पलकों में कैद कुछ सपने है कुछ बेगाने है कुछ अपने है ना जाने कैसी कशिश है इन ख्यालो में कुछ... read more
ऐ दोस्त जिदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना ! दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना ! साथ चलना मेरे... read more
किस्मत पर एतबार किसको हैं ! मिल जाये खुसी इंकार किसको हैं ! कुछ मजबूरियां हैं मेरे दोस्त ! वरना जुदाई से... read more
ज़िन्दगी नहीं हमें दोस्तों से प्यारी , दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी, आँखों में हमारी आंसुं हैं तो क्या, जान से... read more
दोस्ती करो तो हमेशा मुस्कुरा के किसी को धोखा ना दो अपना बना के कर लो याद जब तक हम जिन्दा... read more
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी अपनी खुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए Kya khoob majbooriya thi meri bhi apni... read more
एक जुर्म हुआ है हम से, एक यार बना बैठे हैं, कुछ अपना उसको समझ कर, सब राज बता बैठे हैं, फ़िर उसकी... read more
दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियाँ मेरी ! कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना की कसूर किसका था... read more
क्या ऎसा नहीं हो सकता की हम तुमसे तुमको माँगे ! और तुम मुस्कुरा के कहो की अपनी चीजें माँगा... read more