तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना… -Tum Laut Ke Aane Ka Takalluf Mat Karna
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari कितली कि चा इस्टील का गिलास। पलायन पर चलणी चर्चा यख खास। हम बूड बुड्या रैग्यां... read more
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां... read more
ये हुस्न-ए-राज़ मुहब्बत छुपा रहा है कोई है अश्क आँखों में और मुस्कुरा रहा है कोई Ye husn-e-raaz muhabbat chhupa raha... read more
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी। dikhaave kee... read more
आइने में वो देख रहे थे बहारे हुस्न आया मेरा ख़्याल तो शर्मा के रह गऐ aaine mein vo dekh rahe... read more
झूम जाते हैं शायरी के लफ्ज़ बहार के पत्तों की तरह, जब शुरू होता है बयां ए हुस्न महबूब का... read more
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया। Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane... read more
सब तेरी मोहब्बत की इनायत है, वरना मैं क्या मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या Sab teri mohabbat kee inaayat... read more
जै दिन बटी देखो उकैं दिनौक चैन रातक नींन उड़ी गे और हेंसि बे जो चहाय उइल एक चुणुंक जौस और छोड़ी... read more
औकात की बात मत कर पगली… हम जिस गली में पैर रखते हैं, वहाँ की लड़कियां अक्सर कहती हैं, बहारो फूल बरसाओ... read more