कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर.. -Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par
कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर….
यहां तो अपनी जिंदगी ही मजे लेती हैं..!!
Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par….
Yahaan To Apani Jindagi Hi Maje Leti Hain..!!.
छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना, तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे। Chhod Di Hai... read more
आग लगाना मेरी फितरत में नही है, मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर। Aag lagaana meri phitarat mein... read more
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना, हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते। Tum laut ke aane ka takalluf... read more
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ, सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे। Laakh talavaare badhee aatee ho gardan... read more
दुशमनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी। मैं हाथ नहीं उठाता, नज़रों से गिरा देता हूँ। Dushmanon ko saja... read more
हमको मिटा सके यह ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं। Humko Mita Sake Yeh Zamane... read more
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त, जितना तेरे पास है उतना तो मेरा खराब रहता है। Gumaan Na Kar... read more
ख्वाब में तो ख्वाब पूरे हो नहीं सकते कभी, इसलिए राहे हकीकत पर चला करता हूँ मैं। Khwab Mein Toh Khwab... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया। Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane... read more