Ishq Se Mahfooz Samajhte Rhe
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़समझते रहे !
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़समझते रहे !
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!
किसी को चाहो तो इस अंदाज़ से चाहो ! कि वो तुम्हे मिले या ना मिले मगर ! उसे जब भी... read more
इतना ना याद आया करो कि रात भर सो ना सकें। सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग… Itna Na Yaad... read more
काबिले तारीफ है मेरे सनम की हर अदा वो उसका ना कहना ! और फिर मेरी बाँहों में चले आना... read more
कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे, हर सपना टूट जाता है हकीकत के आगे, जिसने कभी दुनिया में हारना नहीं... read more
तेरी खुशिओं को सजाना चाहती हूँ, तुझे देखकर मुस्कराना चाहती हूँ, मेरी ज़िन्दगी में क्या अहमियत हैं तेरी, ये लब्ज़ों में नही,पास... read more
यूँ दूर रह कर दूरियों को बढ़ाया नहीं करते ! अपने दीवानों को सताया नहीं करते ! हर वक़्त बस जिसे... read more
जो रहते हैं दिल में वो जुदा नहीं होते, कुछ एहसास लफ़्ज़ों से बयां नहीं होते, एक हसरत है उन्हें मनाने... read more
भले ही किसी गैर की जागीर थी वो, पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो, मुझे मिलती तो कैसे मिलती, किसी... read more
लगा कर फूल होठो से उसने कहा चुपके से अगर यहा कोई नहीं होता तो फूल की जगह तुम होते... read more