बैठता वहीं हूँ.. – Baithta Wahi Hoon
बैठता वहीं हूँ,
जहाँ अपनेपन का अहसास है मुझको,
यूँ तो ज़िंदगी में कितने ही लोग
आवाज देते हैं मुझको।.
Baithta Wahi Hoon,
Jahaan Apnepan Ka Ahasaas Hai Mujhko,
Yun To Zindagi Mein Kitane Hee Log
Aawaaj Dete Hain Mujhko..