उदासी कैसी?
उदासी कैसी? बहुत समय पहले की बात है। एक जौहरी की दुकान में कई आदमी काम करते थे। जौहरी का कारोबार अच्छा चलता था। दुकान में जगह कम होने की वजह से जौहरी ने एक कारीगर को दुकान के बाहर बैठा दिया। वह दुकान के बाहर ही बैठ के सोना गला कर उसको हथौड़े से कूट पीट कर सुन्दर गहने बनता था। सुनार के बगल की दुकान में एक लोहार की दुकान थी। लोहार लोहे को गरम करके हथौड़े से जोर [...]